Gold Prices news. सोने की कीमतें आसमान पर हैं, जिससे लगातार नए रिकॉर्ड बना रही हैं। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड 3,700 डॉलर प्रति औंस के पार चली गई थी। भारत में भी इसकी कीमत प्रति 10 ग्राम 1.10 लाख रुपये तक पहुंच गई। आमतौर पर जब सोना इतनी ऊंचाई छूता है, तो लोग पुरानी ज्वेलरी बेचकर मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं। लेकिन इस बार तस्वीर उलट है, सोने के कीमतें रिकॉर्ड पर हैं, फिर भी लोग अपने पुराने गहने बेचने से बच रहे हैं। आखिर वजह क्या है? आइए जानते हैं।
भारत में सोने को पीढ़ी दर पीढ़ा संभाल कर रखा जाता है, जिससे यह निवेश के नजरिए से देखा जाता है। लोग सोने और चांदी को भौतिक रुप में रख कर निवेश मानते हैं। तो वही सोने के कीमत में अब ऑल टाइम हाई पर चल रही हैं।
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सोने के कीमतों में और उछाल की उम्मीद
दरअसल मार्च 2025 में पहली बार सोना 3,000 डॉलर प्रति औंस के पार गया था। उस समय सेकेंड हैंड गोल्ड की सप्लाई बाजार में अचानक बढ़ गई थी। कई लोगों ने पुराने गहने और कॉइन बेचकर फायदा उठाया। लेकिन इस बार हालात अलग हैं। तो वही सीजीआर मेटलएलॉयज के मैनेजिंग डायरेक्टर जेम्स जोस का कहना है कि लोगों को लग रहा है कि अभी सोना और महंगा होगा। यही वजह है कि वे फिलहाल अपने गहनों को कैश कराने के बजाय अपने पास ही सुरक्षित रख रहे हैं।
सोना बना निवेशकों का पसंदीदा
पिछले एक साल में गोल्ड ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। आंकड़ों के मुताबिक 2024 में सोने ने 21% का रिटर्न दिया था, जबकि 2025 में अब तक यह 42% ऊपर रिटर्न मिल चुका है। हाल के समय में तेजी ने निवेशकों का भरोसा और मजबूत कर दिया है। यही कारण है कि लोग पुराने गहने बेचकर जल्दी मुनाफा लेने की बजाय लंबे समय के लिए रखना बेहतर समझ रहे हैं। भारत में सदियों से सोने को रखने का चलन है। जब कोई बड़ी मुसीबत आती है, तभी लोग सोने को बेचते हैं।
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ज्वेलरी मार्केट पर असर
सोने के महंगे होने का असर ज्वेलरी बाजार पर भी साफ दिख रहा है। पुणे के पीएन गाडगिल एंड संस के सीईओ अमित मोडक बताते हैं कि नई ज्वेलरी खरीदना आम लोगों के लिए मुश्किल हो गया है। लेकिन लोग पूरी तरह से खरीदारी से दूर नहीं हो रहे। जिससे लोग पुराने गहने देकर नई ज्वेलरी बनवा रहे हैं। यानी कैश के लिए बेचने की बजाय पुराने गहनों का रिप्लेसमेंट ज्यादा हो रहा है।