पिछले पांच वर्षों में भारत के मल्टीस्टोरी हाउसिंग मार्केट ने जबरदस्त तेजी पकड़ी है। प्रॉपर्टी पोर्टल्स के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि 2021 से अब तक अपार्टमेंट की औसत कीमतों में करीब 87 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। खासकर दिल्ली-एनसीआर इस पूरे बदलाव का चेहरा बनकर उभरा है। गुरुग्राम में फ्लैट्स की कीमतें 166 प्रतिशत तक बढ़ीं, जबकि ग्रेटर नोएडा में 163 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया।
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मुंबई से लेकर टेक शहरों तक तेजी
भारत का सबसे महंगा हाउसिंग मार्केट मुंबई बना हुआ है, जहां पिछले पांच सालों में कीमतें 107 प्रतिशत चढ़ीं। बंगलुरु में 105 प्रतिशत, हैदराबाद में 90 प्रतिशत और पुणे में 92 प्रतिशत की तेजी दर्ज हुई। इन शहरों ने टेक सेक्टर और कॉर्पोरेट हब होने के चलते हाउसिंग मार्केट को मजबूती दी।
बड़े और लग्जरी घरों की ओर रुझान
मार्केट में अब खरीदारों की पसंद भी बदल रही है। जहां पहले छोटे घरों की डिमांड ज्यादा थी, अब लोग बड़े और लग्जरी अपार्टमेंट को प्राथमिकता दे रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार 4BHK फ्लैट्स की मांग 90 प्रतिशत और 5BHK की 95 प्रतिशत बढ़ी है। इसके विपरीत 1BHK की डिमांड 51 प्रतिशत और 2BHK की डिमांड 24 प्रतिशत तक घट गई। यह साफ करता है कि घर अब सिर्फ रहने की जगह नहीं बल्कि स्टेटस और लाइफस्टाइल का प्रतीक बन चुका है।
किराये के बाजार में भी रिकॉर्ड तेजी
सिर्फ खरीद-बिक्री ही नहीं, किराये का बाजार भी तेजी से गर्म हुआ है। पिछले पांच साल में मल्टीस्टोरी फ्लैट्स के किराये 227 प्रतिशत तक चढ़ गए। बढ़ती महंगाई और बदलती लाइफस्टाइल के चलते लोग किराये के घरों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं, खासकर मेट्रो और बड़े शहरों में।
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कीमतें बढ़ीं, लेकिन स्पेस लगभग वही
दिलचस्प पहलू यह है कि अपार्टमेंट्स का औसत एरिया केवल 15 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि कीमतों में कई गुना उछाल देखा गया। इसका मतलब है कि लोग बड़े आकार की बजाय प्रीमियम लोकेशन, आधुनिक सुविधाएं और बेहतर कनेक्टिविटी के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने को तैयार हैं। हालांकि नए प्रोजेक्ट्स के लॉन्च में 5 प्रतिशत और रीसेल मार्केट में 3 प्रतिशत की कमी आई है। इससे साफ है कि बाजार का केंद्र अब मिडल क्लास की बजाय हाई-एंड बायर्स और किराये पर रहने वालों की ओर शिफ्ट हो गया है।