ITR Filing 2025: 15 सितंबर डेडलाइन मिस की तो लगेगा ₹5,000 जुर्माना, जानें पूरा नियम

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की डेडलाइन में अब ज्यादा समय नहीं रह गया है। बता दें कि असेसमेंट ईयर 2025-26 (AY26) के लिए सरकार ने रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर तय की है। पहले इसे कुछ समय के लिए बढ़ाया गया था, क्योंकि इस बार ITR फॉर्म्स में कई बदलाव किए गए थे। तो वही कई लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इसे फिर से बढ़ाया जाएगा, लेकिन इसकी संभावना काफी कम है। सरकारी डेटा के मुताबिक, 6.3 करोड़ से अधिक लोग अपना रिटर्न दाखिल कर चुके हैं।

अब सवाल यह है कि अगर आप 15 सितंबर के बाद ITR फाइल करते हैं तो क्या होगा और कितनी पेनल्टी चुकानी पड़ेगी। आइए जानते हैं कि 15 सितंबर के बाद ITR फाइल करने पर क्या होगा।

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डेडलाइन चूकने पर क्या होगा?

अगर आप समय पर रिटर्न फाइल नहीं करते हैं, तो आपको जुर्माना और अतिरिक्त ब्याज भरना पड़ सकता है। आगे यहां पर आप को आयकर नियमों की जानकारी दी जा रही है।

  • अगर आपकी सालाना इनकम ₹5 लाख से कम है, तो भी लेट फाइलिंग पर ₹5,000 की पेनल्टी लगेगी।
  • अगर इनकम ₹5 लाख से ज्यादा है, तब भी ₹5,000 का जुर्माना भरना होगा।
  • आखिरी तारीख के बाद रिटर्न फाइल करने पर आप कुछ टैक्स डिडक्शन क्लेम नहीं कर पाएंगे। इसमें सेक्शन 10A, 10B, 80-IA, 80-IB, 80-IC, 80-ID और 80-IE जैसी धाराएं शामिल हैं।
  • बकाया टैक्स पर हर महीने 1% का ब्याज (सेक्शन 234A के तहत) देना होगा।
  • देर से रिटर्न भरने वालों का रिफंड भी देर से मिलेगा।
  • बिजनेस लॉस या कैपिटल गेन लॉस को आगे कैरी फॉरवर्ड करने का फायदा नहीं मिलेगा।

15 सितंबर के बाद क्या करें?

अगर आप डेडलाइन चूक जाते हैं, तो भी आपके पास मौका है। आप 31 दिसंबर 2025 तक बिलेटेड रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको लेट फीस और ब्याज देना होगा। जिससे आयकर सेक्शन 234F के तहत अधिकतम ₹5,000 तक का जुर्माना लगाया जाएगा। आय और टैक्स बकाया के आधार पर ब्याज भी चुकाना होगा।

आप के लिए ध्यान देने वाली बात तो यह है कि यदि आप से 31 दिसंबर की तारीख भी मिस हो जाती है, तो वह अपडेटेड रिटर्न (ITR-U) दाखिल कर सकता है। यह केवल कुछ खास परिस्थितियों में ही मान्य होता है और इसमें अतिरिक्त टैक्स भरना पड़ता है।

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क्या बढ़ेगा आगे डेडलाइन?

कई टैक्सपेयर्स और टैक्स कंसल्टेंट्स डेडलाइन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि पोर्टल पर तकनीकी गड़बड़ियां और यूटिलिटी रिलीज में देरी की वजह से लोगों को रिटर्न भरने का पर्याप्त समय नहीं मिल पाया। हालांकि अब आईटीआर डेडलाइन बढ़ने की संभावना बेहद कम ही लग रही है।

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