Property Tax: अगर आपने हाल ही में कोई प्रॉपर्टी बेची है और उस पर अच्छा खासा मुनाफा कमाया है तो आपको कैपिटल गेन टैक्स के बारे में जानना बेहद जरूरी है। टैक्स एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्रॉपर्टी की बिक्री पर टैक्स देनदारी पूरी तरह से होल्डिंग पीरियड यानी कितने समय तक आपने उस संपत्ति को रखा, इस पर निर्भर करती है।
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शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन की स्थिति
अगर आपने किसी प्रॉपर्टी को खरीदने के 24 महीने यानी दो साल से पहले बेच दिया तो इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा। इसमें आपको मिले मुनाफे को आपकी सालाना आय में जोड़कर उसी स्लैब के हिसाब से टैक्स लगाया जाएगा। उदाहरण के लिए अगर आपकी आय 15 लाख रुपये है और प्रॉपर्टी से 1 लाख रुपये का गेन हुआ तो आपकी कुल आय 16 लाख हो जाएगी और टैक्स उसी आधार पर लगेगा। इस स्थिति में टैक्स बचाने के विकल्प बहुत सीमित होते हैं।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन और टैक्स की दर
अगर आपने प्रॉपर्टी 24 महीने से ज्यादा समय तक रखने के बाद बेची है तो इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा। जुलाई 2024 से पहले खरीदी गई प्रॉपर्टी पर आपके पास दो विकल्प होते हैं – इंडेक्सेशन के साथ 20 फीसदी टैक्स देना या बिना इंडेक्सेशन के 12.5 फीसदी टैक्स देना। लेकिन 23 जुलाई 2024 के बाद खरीदी गई प्रॉपर्टी की बिक्री पर केवल 12.5 फीसदी टैक्स ही देना होगा और इंडेक्सेशन का लाभ नहीं मिलेगा।
सेक्शन 54 के तहत टैक्स बचाने का ऑप्शन
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन से छूट पाने का सबसे अहम विकल्प है सेक्शन 54। इसके तहत अगर आप प्रॉपर्टी बेचकर नया घर खरीदते हैं या बनाते हैं तो आपको टैक्स छूट मिल सकती है। इसमें शर्त यह है कि आपका कैपिटल गेन 10 करोड़ रुपये से ज्यादा न हो। यह छूट घर बेचने से एक साल पहले खरीदे गए घर, बिक्री के दो साल बाद खरीदे गए घर या तीन साल के भीतर बनाए गए घर पर भी मिल सकती है।
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नॉन-रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी बेचने पर छूट
अगर आपने कोई प्लॉट या नॉन-रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी खरीदी है और उसे बेचकर नया घर खरीदते हैं, तो यहां टैक्स छूट पाने के लिए पूरी बिक्री राशि को नए घर में लगाना जरूरी होता है। केवल गेन नहीं बल्कि पूरा अमाउंट रीइन्वेस्ट करना पड़ता है।