आज के समय में हर किसी ने लिए हेल्थ इंश्योरेंस जरुरी हो गया है, तो वही इस सेक्टर में आ रहे अपडेट पर भी आप को नजर रखनी होगी। तभी आप सही और अच्छी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलसी खरीद पाएंगे, तो वही पॉलिसीबाजार की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है, जिससे अब OPD कवर धीरे-धीरे हेल्थ इंश्योरेंस का अहम हिस्सा बन रहा है। यानी अब छोटी-मोटी बीमारियों, दवाइयों, टेस्ट या डॉक्टर कंसल्टेशन जैसे रोज़मर्रा के मेडिकल खर्च भी इंश्योरेंस से कवर होने लगे हैं।
दरअसल आप को बता दें कि जहां पहले हेल्थ इंश्योरेंस का मतलब यही होता था कि इसका फायदा तभी मिलेगा जब आप अस्पताल में भर्ती होंगे। हालांकि अब तस्वीर बदल रही है। जिससे Out-Patient Department धीरे-धीरे हेल्थ इंश्योरेंस का हिस्सा बन रहा है। लोगों को होने वाली छोटी-मोटी बीमारियों, दवाइयों, टेस्ट या डॉक्टर कंसल्टेशन जैसे रोज़मर्रा के मेडिकल खर्च भी इंश्योरेंस से कवर मिलने वाला है।
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तेजी से बढ़ रही लोकप्रियता
पॉलिसीबाजार के एक खास रिपोर्ट में बड़ी बात का जिक्र सामने आया है, जिसमें बताया गया है कि करीब 22% हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों में OPD कवर शामिल है। तीन साल पहले यह आंकड़ा महज 5% था। साफ है कि लोग अब सिर्फ हॉस्पिटलाइजेशन ही नहीं बल्कि छोटे-छोटे मेडिकल खर्च के लिए भी इंश्योरेंस का इस्तेमाल करना चाहते हैं।
क्यों जरूरी होता जा रहा है OPD कवर?
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में छोटी-छोटी स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ ही हैं। OPD कवर से लोग शुरुआती स्टेज में ही इलाज करा पा रहे हैं, जिससे बीमारी गंभीर होने से पहले कंट्रोल हो जाती है। यही वजह है कि इसे अब हेल्थ इंश्योरेंस का नेक्स्ट बिग ट्रेंड हो सकता है।
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जानिए OPD कवर क्या है?
आप को बता दें कि इसमें डॉक्टर से मिलने, ब्लड टेस्ट, एक्स-रे, स्कैन, दवाइयां, डेंटल ट्रीटमेंट और हेल्थ चेकअप जैसे खर्च शामिल होते हैं। लगभग 90% OPD क्लेम कैशलेस यानी बिना पैसे दिए सीधे इंश्योरेंस से निपट जाते हैं।
ध्यान देने वाली बात तो यह है कि क्या इससे ग्राहकों फायदा होगा। तो लोग अब साल में 3–4 बार इंश्योरेंस का फायदा उठा रहे हैं। जिससे अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत कम: OPD कवर वाले ग्राहकों में हॉस्पिटलाइजेशन 5–10% तक घटा है। तो वही लोग डिजिटल कंसल्टेशन में आधे से ज्यादा लोग वीडियो या फोन कॉल के जरिए डॉक्टर से सलाह ले रहे हैं।