Crisil report: महंगाई से जूझ रही आम जनता को अगस्त महीने में थाली के दामों में कुछ राहत मिली है। क्रिसिल की ताजा मंथली रिपोर्ट ‘रोटी राइस रेट’ के अनुसार घर पर बनने वाली शाकाहारी और मांसाहारी थाली की औसत लागत क्रमशः 7 और 8 प्रतिशत कम हो गई। यह राहत मुख्य रूप से सब्जियों और ब्रॉयलर चिकन की कीमतों में आई गिरावट की वजह से मिली।
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शाकाहारी थाली क्यों हुई सस्ती
अगस्त में शाकाहारी थाली की औसत कीमत 29.1 रुपये रही। सब्जियों और दालों की दरों में भारी कमी से यह राहत मिली है। खासतौर पर आलू और प्याज की कीमतें क्रमशः 31 और 37 प्रतिशत घटीं। पिछले साल उत्पादन प्रभावित होने से आलू महंगे हो गए थे, लेकिन इस बार 3 से 5 प्रतिशत ज्यादा उत्पादन का अनुमान है। प्याज का वार्षिक उत्पादन भी 18 से 20 प्रतिशत बढ़ा है, जिससे बाजार में आपूर्ति बेहतर हुई और दाम नीचे आ गए। हालांकि सब्जी तेल की कीमतें 24 प्रतिशत और एलपीजी सिलेंडर 6 प्रतिशत महंगे हुए, जिससे राहत सीमित हो गई।
मांसाहारी थाली पर असर
मांसाहारी थाली की औसत कीमत अगस्त में 54.6 रुपये दर्ज की गई। इसकी लागत घटने की मुख्य वजह ब्रॉयलर चिकन की दरों में करीब 10 प्रतिशत की कमी रही। चूंकि थाली की कुल लागत में ब्रॉयलर चिकन का हिस्सा 50 प्रतिशत होता है, इसलिए इसके सस्ता होने से उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली। सब्जियों और दालों के सस्ते होने ने भी मांसाहारी थाली को कम खर्चीला बना दिया।
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मासिक तुलना में क्या रहा हाल
जुलाई की तुलना में अगस्त में शाकाहारी थाली 4 प्रतिशत और मांसाहारी थाली 2 प्रतिशत महंगी हुई। इसकी सबसे बड़ी वजह टमाटर रहा, जिसकी कीमतें 26 प्रतिशत चढ़ गईं क्योंकि बाजार में आवक 35 प्रतिशत घट गई थी। वहीं, प्याज और आलू के दाम स्थिर रहे क्योंकि भंडारण से स्टॉक बाजार में छोड़ा गया। सावन खत्म होने के बाद भी ब्रॉयलर की मांग बढ़ने के बावजूद ज्यादा सप्लाई की वजह से इसकी कीमतें नियंत्रित रहीं और मांसाहारी थाली पर ज्यादा असर नहीं पड़ा।