कर्मचारियों को बड़ी राहत, DA बढ़ने के साथ मिलेगा 3 महीने का एरियर, इतनी बढ़कर आएगी सैलरी

DA Hike: हरियाणा सरकार ने राज्य के लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को दिवाली के बाद एक और तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार ने महंगाई भत्ता (DA) में 3 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। इस वृद्धि के बाद राज्य कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का डीए 55 फीसदी से बढ़कर 58 फीसदी हो गया है। नई दरें 1 जुलाई 2025 से प्रभावी होंगी और बढ़ा हुआ भुगतान अक्टूबर के वेतन के साथ किया जाएगा।

मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इसका लाभ सभी सरकारी कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और पारिवारिक पेंशनरों को मिलेगा। सरकार के इस फैसले से प्रदेश के छह लाख से अधिक कर्मचारी और पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। इससे पहले अप्रैल 2025 में भी सरकार ने 2 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाया था।

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नवंबर में मिलेगा एरियर का भुगतान

वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, नई डीए दरें 1 जुलाई 2025 से लागू होंगी। इसलिए कर्मचारियों को जुलाई, अगस्त और सितंबर के तीन महीनों का एरियर भी दिया जाएगा। एरियर की राशि नवंबर के वेतन के साथ दिसंबर 2025 में जारी की जाएगी।

सरकार ने यह भी साफ किया है कि महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की गणना में अगर 50 पैसे या उससे ज्यादा का अंश आता है तो उसे अगले पूरे रुपये में जोड़ दिया जाएगा, जबकि 50 पैसे से कम के अंश को नजरअंदाज किया जाएगा।

केंद्र के बाद हरियाणा भी बना राहत देने वाला राज्य

केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले ही अपने कर्मचारियों और पेंशनरों का डीए 3 फीसदी बढ़ाया था। इसके बाद कई राज्य सरकारों ने भी अपने कर्मचारियों को राहत दी है। अब तक गुजरात, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, बिहार, त्रिपुरा, असम, कर्नाटक और राजस्थान जैसे राज्यों ने भी अपने कर्मचारियों और पेंशनरों का डीए बढ़ाकर 58 फीसदी कर दिया है। हरियाणा अब इस सूची में शामिल हो गया है।

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क्या होता है महंगाई भत्ता?

महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) वह अतिरिक्त भुगतान है जो केंद्र और राज्य सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को मुद्रास्फीति के प्रभाव को संतुलित करने के लिए देती हैं। यह वेतन का एक हिस्सा होता है जो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर तय किया जाता है।

केंद्र सरकार हर साल दो बार डीए और डीआर (Dearness Relief) की दरों में संशोधन करती है। जनवरी और जुलाई से प्रभावी ये संशोधन आमतौर पर मार्च और अक्टूबर में घोषित किए जाते हैं। केंद्र सरकार के फैसले के बाद राज्य सरकारें भी उसी अनुरूप अपने कर्मचारियों के लिए दरों में बदलाव करती हैं।

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