8th Pay Commission: देशभर के एक करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनधारक लंबे समय से आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। जनवरी 2025 में केंद्र सरकार ने इसके गठन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी, लेकिन अब तक इसका आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है। न ही आयोग के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति की गई है, जिससे कर्मचारियों के बीच बेचैनी और उत्सुकता दोनों बढ़ी हुई हैं।
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प्रक्रिया में हुई देरी
सूत्रों के अनुसार, उम्मीद थी कि दिवाली से पहले सरकार आयोग के गठन की घोषणा कर देगी। लेकिन केंद्र सरकार ने साफ किया है कि इस विषय पर राज्य सरकारों के साथ अभी गहन विचार-विमर्श जारी है। राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने जानकारी दी कि आयोग के गठन से जुड़ा नोटिफिकेशन अभी जारी होना बाकी है। उन्होंने कहा कि अंतिम फैसला अभी नहीं लिया गया है, हालांकि प्रारंभिक तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
कब लागू होगा 8th Pay Commission?
जानकारों का कहना है कि आठवें वेतन आयोग का मुख्य उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन ढांचे, भत्तों और पेंशन प्रणाली की समीक्षा करना है। लेकिन इसकी सिफारिशें लागू होने में अभी वक्त लगेगा। अनुमान है कि यह 2026 की शुरुआत तक लागू हो सकता है। 16 जनवरी 2025 को आयोग के गठन की घोषणा की गई थी और अब कर्मचारियों को नोटिफिकेशन और नियुक्तियों का इंतजार है।
फिटमेंट फैक्टर क्या है और इससे कितना बढ़ेगा वेतन?
नए वेतन आयोग की सबसे अहम कड़ी है फिटमेंट फैक्टर, जो बेसिक सैलरी और पेंशन दोनों को निर्धारित करता है। सातवें वेतन आयोग में यह 2.57 रखा गया था, जिससे न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये और पेंशन 9,000 रुपये तय हुई थी। अगर 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.92 किया जाता है तो न्यूनतम वेतन 34,560 रुपये और पेंशन 17,280 रुपये तक पहुंच सकती है। वहीं अगर 2.08 फैक्टर अपनाया गया तो बेसिक सैलरी 37,440 रुपये और पेंशन 18,720 रुपये तक हो सकती है।
नए आयोग के लागू होने के बाद महंगाई भत्ता (DA) और डियरनेस रिलीफ (DR) को शून्य से दोबारा गिनना शुरू किया जाएगा, जिससे कर्मचारियों के लिए नई सैलरी स्ट्रक्चर तैयार होगा।
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2026 तक लागू होने की संभावना
कर्मचारियों के बीच देरी को लेकर भले ही निराशा है, लेकिन उम्मीदें अभी भी बरकरार हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर महंगाई का लेवल कंट्रोल में रहा और सरकारी वित्तीय स्थिति मजबूत बनी रही तो केंद्र सरकार फिटमेंट फैक्टर में बड़ा संशोधन कर सकती है। इससे कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन दोनों में अच्छी बढ़ोतरी संभव होगी।