RBI Update: आरबीआई की रिपोर्ट से दोहरी खुशखबरी, अब लोगों की जेब में रहेगा मोटा पैसा

RBI Update: देश की जनता के लिए राहत की खबर लेकर आई है भारतीय रिजर्व बैंक की ताजा स्टेट ऑफ द इकोनॉमी रिपोर्ट। वैश्विक आर्थिक मंदी की आहट और बढ़ते व्यापारिक तनाव के बीच आरबीआई ने दो ऐसी बातें कही हैं जो आम आदमी की जेब और देश की ग्रोथ दोनों के लिए शुभ संकेत हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था न सिर्फ स्थिर है बल्कि आत्मनिर्भर घरेलू मांग के दम पर लगातार आगे बढ़ रही है।

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महंगाई दर में बड़ी गिरावट

रिपोर्ट की सबसे बड़ी राहत महंगाई से जुड़ी है। सितंबर माह में खुदरा महंगाई (CPI) जून 2017 के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। इसका मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट है, जिससे आम घरों का रसोई बजट हल्का हुआ है। हालांकि कोर इंफ्लेशन में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिसकी वजह सोने और मकान की कीमतों में उछाल रही। फिर भी कुल मिलाकर स्थिति नियंत्रण में है, जिससे आम जनता को राहत मिली है।

महंगाई पर नियंत्रण के साथ ही आरबीआई को अब ग्रोथ पर फोकस करने की स्वतंत्रता मिल गई है। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि पॉलिसी स्पेस खुल चुका है, यानी ब्याज दरों में कटौती की संभावना है। अगर एमपीसी (Monetary Policy Committee) मीटिंग में रेट कट की घोषणा होती है, तो होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन सभी सस्ते हो जाएंगे। इसका सीधा फायदा लोगों की ईएमआई पर पड़ेगा, जिससे खर्च बढ़ेगा और बाजार में मांग को नई ऊर्जा मिलेगी।

घरेलू मांग बढ़ी

आरबीआई रिपोर्ट की दूसरी बड़ी खुशखबरी घरेलू मांग की मजबूती को लेकर है। हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स के मुताबिक, शहरों में उपभोक्ता मांग में तेज उछाल देखा गया है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह पहले से ही मजबूत बनी हुई है। कृषि क्षेत्र ने शानदार प्रदर्शन किया है। अच्छी बारिश, खरीफ फसलों की रिकॉर्ड बुवाई और जलाशयों में पर्याप्त पानी ने रबी सीजन के लिए भी उम्मीदें बढ़ा दी हैं।

मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में कारोबारी विश्वास छह महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। कंपनियां भविष्य को लेकर आशावादी हैं और निवेश बढ़ाने के संकेत दे रही हैं।

वैश्विक एजेंसियों ने भी जताया भरोसा

भारत की आर्थिक मजबूती को लेकर अब दुनिया भी सकारात्मक नजरिया रख रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 2025 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.6 प्रतिशत किया है, जबकि ओईसीडी (OECD) ने इसे 6.7 प्रतिशत तक बढ़ाया है। विश्व बैंक (World Bank) ने भारत की ग्रोथ 6.5 प्रतिशत बताई है और आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अनुमान को बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। ये सभी संकेत बताते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था न केवल स्थिर है बल्कि वैश्विक स्तर पर ‘रेसिलिएंट’ यानी मजबूत बनी हुई है।

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आम जनता को मिलेगा सीधा फायदा

महंगाई घटने और घरेलू मांग बढ़ने से आम आदमी की जेब पर राहत का असर साफ दिखेगा। ब्याज दरों में संभावित कटौती से ईएमआई कम होगी, जिससे घर, कार या पर्सनल लोन लेना आसान होगा। वस्तुओं की कीमतें घटने से खरीदारी में बढ़ोतरी होगी, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। कुल मिलाकर यह रिपोर्ट इस बात का प्रमाण है कि भारत की अर्थव्यवस्था अपनी आंतरिक ताकत से मजबूत हो रही है और इसका सीधा लाभ आम नागरिकों तक पहुंच रहा है।

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