भारत में ज्यादातर टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स बचाने के लिए केवल कुछ प्रसिद्ध रास्तों का सहारा लेते हैं, जैसे सेक्शन 80C या 80D, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनके अलावा भी कई ऐसे नियम हैं जो आपकी टैक्स देनदारी को काफी कम कर सकते हैं? अक्सर जानकारी की कमी या प्रक्रिया की जटिलता के कारण ये छूटें अनदेखी रह जाती हैं। इस बार ITR दाखिल करने से पहले इन कम चर्चित सेक्शनों पर नजर डालना फायदेमंद हो सकता है। टैक्स एक्सपर्ट भरत धवन, मैनेजिंग पार्टनर (Forvis Mazars in India) के अनुसार, ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत टैक्सपेयर्स इन 10 खास सेक्शनों का लाभ उठाकर अच्छी-खासी बचत कर सकते हैं।
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किराया देते हैं लेकिन HRA नहीं मिलता? (सेक्शन 80GG)
अगर आप सैलरी वाले कर्मचारी नहीं हैं या आपके वेतन में हाउस रेंट अलाउंस (HRA) शामिल नहीं है, तब भी आप टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं। सेक्शन 80GG के तहत किराए पर रहने वालों को हर महीने ₹5,000 या वार्षिक आय का 25% (जो भी कम हो) तक की छूट मिल सकती है। इसके लिए जरूरी है कि आपके नाम पर आपके कार्यस्थल के शहर में कोई खुद का घर न हो।
गंभीर बीमारियों के इलाज पर राहत (सेक्शन 80DDB)
अगर आप या आपके आश्रित किसी गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, पार्किंसंस या किडनी फेल्योर का इलाज करवा रहे हैं, तो इस सेक्शन के तहत राहत पा सकते हैं। सामान्य करदाताओं को ₹40,000 तक और वरिष्ठ नागरिकों को ₹1,00,000 तक की छूट मिल सकती है। बस ध्यान रखें कि आपके पास किसी स्पेशलिस्ट डॉक्टर द्वारा जारी प्रिस्क्रिप्शन होना चाहिए।
दिव्यांग आश्रित की देखभाल पर छूट (सेक्शन 80DD)
अगर आपके परिवार में कोई दिव्यांग सदस्य है और आप उसकी देखभाल या इलाज का खर्च उठा रहे हैं, तो सेक्शन 80DD के तहत आपको सालाना ₹75,000 तक (सामान्य दिव्यांगता) या ₹1.25 लाख तक (गंभीर दिव्यांगता) की छूट मिल सकती है। यह लाभ तब भी उपलब्ध है जब आपने उसके नाम से लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी ली हो।
खुद दिव्यांग हैं? सीधे टैक्स लाभ (सेक्शन 80U)
जो व्यक्ति स्वयं दिव्यांग हैं, उन्हें सेक्शन 80U के तहत सीधी टैक्स छूट मिलती है। सामान्य दिव्यांगता पर ₹75,000 और गंभीर दिव्यांगता पर ₹1.25 लाख तक की छूट का प्रावधान है। इसके लिए किसी अधिकृत मेडिकल अथॉरिटी द्वारा जारी दिव्यांगता प्रमाणपत्र होना आवश्यक है। ध्यान दें, 80DD और 80U में अंतर यह है कि 80DD परिवार के दिव्यांग सदस्य की देखभाल करने वाले को छूट देता है, जबकि 80U स्वयं दिव्यांग व्यक्ति को।
एजुकेशन लोन पर ब्याज की पूरी छूट (सेक्शन 80E)
अगर आपने या आपके माता-पिता ने उच्च शिक्षा के लिए लोन लिया है, तो उस पर दिए गए ब्याज की पूरी राशि टैक्स छूट के दायरे में आती है। यह छूट लोन चुकाने की अवधि तक या अधिकतम 8 साल तक मिल सकती है। खास बात यह है कि इस पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है और यह भारत या विदेश, दोनों जगह की पढ़ाई पर लागू होती है।
पहली बार घर खरीदने पर राहत (सेक्शन 80EE)
अगर आपने पहली बार घर खरीदा है और वह खरीद 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच हुई है, तो सेक्शन 80EE के तहत आप होम लोन के ब्याज पर अतिरिक्त ₹50,000 की छूट पा सकते हैं। यह छूट सेक्शन 24(b) के अंतर्गत मिलने वाली ब्याज छूट के ऊपर मिलती है। बस शर्त यह है कि घर की कीमत ₹50 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए और लोन ₹35 लाख से ज्यादा का न हो।
सस्ते घर के लिए लोन वालों के लिए फायदा (सेक्शन 80EEA)
अगर आपने अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के तहत घर खरीदा है और लोन 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2022 के बीच स्वीकृत हुआ है, तो सेक्शन 80EEA के तहत आप ब्याज पर अतिरिक्त ₹1.5 लाख तक की छूट ले सकते हैं। लेकिन ध्यान दें, अगर आप 80EE का लाभ ले चुके हैं तो यह सेक्शन लागू नहीं होगा।
सीनियर सिटीजन्स को ब्याज पर राहत (सेक्शन 80TTB)
60 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों को बैंक के सेविंग्स अकाउंट, एफडी या आरडी से मिलने वाले ब्याज पर ₹50,000 तक की छूट मिल सकती है। कई वरिष्ठ नागरिक केवल एफडी ब्याज को गिनते हैं और सेविंग्स अकाउंट के ब्याज को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे टैक्स बचत का मौका छूट जाता है।
नौकरी में मिलने वाले भत्तों की टैक्स छूट (सेक्शन 10(14) और नियम 2BB)
कई कर्मचारियों को कुछ खास भत्ते दिए जाते हैं, जिन पर टैक्स नहीं लगता या आंशिक छूट मिलती है। जैसे दिव्यांग कर्मचारियों के लिए ट्रांसपोर्ट भत्ता, बच्चों की पढ़ाई का भत्ता (₹100 प्रति बच्चा प्रति माह), या हॉस्टल फीस भत्ता (₹300 प्रति बच्चा प्रति माह)। ये छोटी छूटें मिलकर सालाना अच्छी टैक्स बचत कर सकती हैं।
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घर के लोन पर ब्याज की छूट (सेक्शन 24(b)
अगर आपने खुद रहने के लिए घर खरीदा है और उस पर होम लोन लिया है, तो ब्याज पर ₹2 लाख सालाना तक की छूट मिल सकती है। यह छूट तभी मान्य होगी जब घर का निर्माण लोन लेने के 5 साल के भीतर पूरा हो जाए। यह सेक्शन 80C की तरह प्रिंसिपल अमाउंट से नहीं, बल्कि ब्याज पर राहत देता है।