आज के समय में म्यूचुअल फंड निवेश का सबसे लोकप्रिय तरीका एसआईपी यानी सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान है। इसमें आप हर महीने छोटी रकम निवेश करके धीरे-धीरे एक बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। एसआईपी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह निवेश अनुशासन और कम्पाउंडिंग के प्रभाव को साथ लेकर चलता है।
अगर कोई व्यक्ति हर महीने 4000 रुपये की एसआईपी शुरू करता है और इसे 15 साल तक जारी रखता है, तो 12 फीसदी वार्षिक रिटर्न की दर से उसे करीब 25.23 लाख रुपये मिल सकते हैं। इस अवधि में कुल निवेश राशि 9 लाख रुपये होगी, जबकि बाकी रकम रिटर्न के रूप में बढ़ेगी। यह एसआईपी की ताकत और कम्पाउंडिंग का नतीजा है।
इसे भी पढ़ें- मोदी सरकार की बड़ी सौगात, अब इन लोगों को मिलेगा 5 लाख लिमिट वाला क्रेडिट कार्ड, जानें कैसे उठाएं फायदा
SIP Calculation- 15 साल में कैसे बनता है 25 लाख रुपये का फंड
अगर कोई निवेशक हर महीने 4000 रुपये की एसआईपी करता है, तो 15 सालों में उसका कुल निवेश 9 लाख रुपये होता है। इस पर अगर 12 फीसदी की औसत वार्षिक वृद्धि मानी जाए तो यह रकम बढ़कर लगभग 25.23 लाख रुपये हो जाती है। यह वृद्धि दर बाजार की अस्थिरता के बावजूद कम्पाउंडिंग की वजह से होती है, जो समय के साथ निवेश को कई गुना बढ़ा देती है।
क्या है SIP का 7-5-3-1 नियम
सफल निवेश के लिए विशेषज्ञ अक्सर 7-5-3-1 नियम का पालन करने की सलाह देते हैं। यह नियम निवेश को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने में मदद करता है।
7 – निवेश अवधि 7 साल रखें
कम्पाउंडिंग का वास्तविक फायदा तभी मिलता है जब आप लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं। कम से कम 7 साल का समय एसआईपी को बेहतर रिटर्न देने में मदद करता है।
5 – पांच एसेट क्लास में निवेश करें
अपने पोर्टफोलियो को विविध बनाएं। इक्विटी, बॉन्ड, रियल एस्टेट, ईटीएफ और गोल्ड जैसे अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश करने से जोखिम कम होता है और स्थिर रिटर्न मिलता है।
3 – तीन तरह के जोखिम से न घबराएं
निवेश के दौरान आपको तीन स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है – 7 से 10 फीसदी रिटर्न, 0 से 7 फीसदी रिटर्न या नेगेटिव रिटर्न। इन परिस्थितियों में घबराने की बजाय धैर्य रखना चाहिए, क्योंकि बाजार समय के साथ रिकवर करता है।
1 – हर साल एसआईपी अमाउंट बढ़ाएं
हर साल अपने निवेश की राशि बढ़ाने से दीर्घकाल में आपकी वेल्थ क्रिएशन क्षमता कई गुना बढ़ जाती है। जितनी ज्यादा राशि निवेश होगी, उतना ही बड़ा फंड तैयार होगा।
इसे भी पढ़ें- पेंशन और रिटायरमेंट को लेकर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, कर्मचारियों को होगा बंपर फायदा
इस बात का रखें ध्यान
म्यूचुअल फंड बाजार से जुड़े उतार-चढ़ाव सामान्य होते हैं। लेकिन सफल निवेशक वही बनते हैं जो इन परिस्थितियों में भी अपने निवेश को जारी रखते हैं। एसआईपी का असली फायदा तब दिखता है जब निवेशक लंबे समय तक अनुशासन बनाए रखता है। छोटी-छोटी मासिक किस्तें भविष्य में बड़ी रकम में बदल जाती हैं। इसलिए निवेश में जल्दबाजी या डर की जगह धैर्य रखना जरूरी है।