Digital Life Certificate 2025. देश के लाखों पेंशनभोगियों के लिए एक राहत भरी खबर आई है। सरकार ने घोषणा की है कि 1 नवंबर से 30 नवंबर 2025 तक देशभर में डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (DLC) अभियान 4.0 चलाया जाएगा। इस महीनेभर चलने वाले अभियान का मकसद पेंशनभोगियों को घर बैठे अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की सुविधा देना है, ताकि उन्हें अब बैंक या सरकारी कार्यालय के चक्कर न लगाने पड़ें।
अगर आप के घर मे कोई पेंशन धारक है, तो सरकारी की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) के मुताबिक, यह अभियान 2,000 से ज़्यादा जिलों और उप-मंडल मुख्यालयों तक पहुंचेगा। आप को बता दें कि सरकार अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल सत्यापन अभियान बन जाएगा।
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जानिए क्या है डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (DLC)?
डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र, जिसे आम भाषा में “जीवन प्रमाण पत्र” कहा जाता है, एक आधार-आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन प्रणाली है। यह पेंशनभोगियों को उनकी पहचान की डिजिटल पुष्टि करने की सुविधा देता है। इस प्रक्रिया में पेंशनर फिंगरप्रिंट, आइरिस स्कैन या फेस ऑथेंटिकेशन के ज़रिए अपनी पहचान प्रमाणित कर सकते हैं।
इसके बाद सिस्टम स्वचालित रूप से पेंशन वितरण एजेंसी मेंसे बैंक या डाकघर को जानकारी भेज देता है। यानी अब पेंशन जारी रखने के लिए हर साल बैंक शाखा में जाकर फॉर्म भरने या दस्तावेज़ जमा करने की झंझट नहीं खत्म होने वाली है।
चलेगा अभियान 4.0
पिछले साल हुए DLC अभियान 3.0 के दौरान सरकार ने 800 से अधिक जिलों में 1.62 करोड़ प्रमाणपत्र जारी किए थे, जिनमें से 50 लाख चेहरे की पहचान (Face Authentication) के ज़रिए बने थे। इस बार सरकार का लक्ष्य करोड़ डिजिटल प्रमाणपत्र जारी करने का है।
घर बैठे डीएलसी जमा करने की सुविधा
इस अभियान में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की भूमिका बेहद अहम होगी। बैंक अपने 1.8 लाख डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों (GDS) को तैनात करेगा, जो पेंशनभोगियों के घर जाकर डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जारी करेंगे। इन अधिकारियों के पास ऐसे मोबाइल उपकरण होंगे जो फिंगरप्रिंट और फेस ऑथेंटिकेशन दोनों को सपोर्ट करते हैं। यानी चाहे पेंशन किसी भी बैंक से आती हो, अब प्रमाणपत्र घर बैठे जमा किया जा सकेगा।
डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र डाउनलोड और जमा का तरीका
पेंशनभोगी jeevanpramaan.gov.in वेबसाइट पर जाकर जीवन प्रमाण सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर सकते हैं। जिसकी तरीका यहां पर नीचे बताया जा रहा है।
- आप को इस वेबसाइट के “Download” टैब पर क्लिक करना है।
- अपनी ईमेल आईडी डालें और ओटीपी से वेरिफाई करें।
- इसके बाद सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें और ऑन-स्क्रीन निर्देशों का पालन करते हुए प्रमाणपत्र बनाएं।
- सर्टिफिकेट बनने के बाद यह अपने-आप पेंशन वितरण बैंक या पोस्ट ऑफिस को भेज दिया जाता है।
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क्या अब भी ज़रूरी है भौतिक प्रमाणपत्र?
तो वही सरकार ने साफ किया है कि डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र एक वैकल्पिक सुविधा है, अनिवार्य नहीं। जो पेंशनभोगी ऑनलाइन तरीका नहीं अपनाना चाहते या तकनीकी साधन नहीं रखते, वे पहले की तरह बैंक शाखा, डाकघर या निर्धारित शिविरों में जाकर भौतिक जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकते हैं। जिससे पहले वाली ही तरीका अपना सकते हैं।