Bank Of Baroda: देश की दूसर सबसे बड़ी बैंक में शुमार बैंक ऑफ बड़ौदा क द्वारा लोन लने वालों को बड़ी राहत दी गई है। बता दें बैंक के द्वारा अपनी एमसीएलआर दरों में कटौती कर दी गई है। जिसके बाद होम लोन और पर्सनल लोन लेने वालों की ईएमआई भी कम हो जाएगी। इसमें तीन महीने की दरें कम की गई है। वहीं एक साल की दर जो कि ज्यादातर होम और ऑटो लोन के लिए जरूरी होती हैं। उसमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। बीओबी ने बुधवार को जानकारी देते हुए कहा कि अब एमसीएलआर में 10 बीपीएस की कटौती कर दी घई है। जिसके बाद ये दरें 7.85 फीसदी हो गई हैं। दरों में किया गया बदलाव 12 सितंबर से लागू हो जाएगा।
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किन दरों में हुआ बदलाव
बता दें बैंक ने तीन महीने के एमसीएलआर को कम करके 8.20 फीसदी कर दिया है। इसका अर्थ है कि 15 बीपीएस की कटौती हो गई है। एक महीने की बात करें तो एमसीएलआर 7.92 फीसदी और 6 महीने का एमसीएलआर 8.65 फीसदी है। सबसे खास बात ये है कि एक साल का एमसीएलआर जो होम लोन और ऑटो लोन के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। उसमें किसी भी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है। ये 8.80 फीसदी पर स्थिर है।
जानें क्या है एमसीएलआर
एमसीएलआर की बात करें तो ये एक न्यूनतम ब्याज दर हैं जिसके नीचे बैंक लोन नहीं दे सकता है। ये बदलाव आरबीआई के द्वारा किया जाता है। साल 2016 में बेस रेट सिस्टम की जगह ये लागू कियाा गया था जिससे कि आरबीआई के द्वारा तय की गई ब्याज दरों में बदलाव का प्रभाव सीधे और तेजी से ग्राहकों तक पहुंचे।
बता दें कई कारणों पर एमसीएलआर जरूरी होता है। जैसे कि बैंक का डिपॉजिट लेने का खर्च फंड की लागत, कैश रिजव्र रेशे पर होने वाला खर्च, ट्रेनर प्रीमियम लोन का पीरियड और ऑपरेटिंग कॉस्ट आदि एक्स्ट्रा चार्ज होते हैं।
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ग्राहकों पर पड़ता है असर
वहीं बैंक एमसीएलआर कम करता है तो फ्लोटिंग रेट वाले लोन की ईएमआई भी कम हो जाती है, इससे लोन भी सस्ता हो जाता है। वहीं एमसीएलआर बढ़ने पर ईएमआई भी बढ़ती जाती है। इस प्रकार एमसीएलआर में बदलाव सीधे तौर पर ग्राहकों की जेब और उनकी मंथली किस्तों पर पड़ता है।