Credit Card की EMI से सावधान, छूट के पीछे छिपा है कर्ज का जाल!

Credit Card safety. फेस्टिव सीजन यानी शॉपिंग का मौसम, और इस वक्त ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर ऑफर्स की बौछार है। अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसी साइट्स पर हर ब्रांड भारी डिस्काउंट और कैशबैक दे रहा है, खासकर क्रेडिट कार्ड यूज़र्स को तो कई तरह के ऑफर मिल रहे है। लेकिन, इन आकर्षक ऑफर्स के बीच एक बड़ी सावधानी जरूरी है कहीं ये छूट आपके लिए कर्ज का जाल न बन जाए।

खबरों में आई जानकारी के अनुसार इस बार क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन खर्च पिछले साल की तुलना में करीब 26.8% अधिक ट्रांजैक्शन और 34.8% ज्यादा वैल्यू के साथ बढ़ा है। रोज़ाना लगभग 5,286 करोड़ रुपये की खरीदारी क्रेडिट कार्ड्स से हो रही है। वहीं डेबिट कार्ड से खर्च में गिरावट दर्ज की गई है। इस ऑकड़ों से लगता है कि लोग अब सीधे पैसे की बजाय उधार पर ज्यादा खरीदारी कर रहे हैं।

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दरअसल क्रेडिट कार्ड की सुविधा देखने में आसान और फायदेमंद लगती है, खरीदो अभी, चुकाओ बाद में। लेकिन यही सुविधा कई बार मुश्किल में डाल सकती है। अगर बिल समय पर नहीं भरा गया, तो ब्याज दरें आपको पर्सनल लोन से भी ज्यादा महंगी पड़ सकती हैं।

अक्सर कार्ड कंपनियां 35% से 48% सालाना ब्याज दर वसूलती हैं। उदाहरण के लिए, Flipkart SBI Credit Card का ब्याज 3.75% प्रति माह यानी करीब 45% सालाना है। सोचिए, अगर बिल लंबित रह गया तो सिर्फ 10,000 रुपये की देरी भी धीरे-धीरे बड़ा बोझ बन सकती है।

“Minimum Payment” है सबसे बड़ा भ्रम

कई लोग यह सोचकर केवल Minimum Due भरते हैं कि बाकी रकम बाद में दे देंगे। लेकिन यह एक बड़ी भूल है। ऐसा करने से बाकी रकम पर लगातार ब्याज बढ़ता रहता है। उदाहरण के लिए, अगर आपका बिल ₹50,000 है और आप हर महीने सिर्फ मिनिमम ड्यू भरते हैं, तो इसे पूरी तरह चुकाने में 9 साल तक लग सकते हैं। यानी छूट के चक्कर में लिया कर्ज कई गुना बढ़ जाएगा।

क्रेडिट स्कोर पर पड़ता असर

क्रेडिट लिमिट के करीब खर्च करने से आपका क्रेडिट स्कोर (CIBIL) भी प्रभावित होता है। एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि अपनी कुल लिमिट का 30% से ज्यादा खर्च कभी न करें। यहां पर मान लें कि अगर आपकी लिमिट ₹1 लाख है, तो ₹30,000 तक का उपयोग बेहतर रहेगा। लगातार लिमिट के करीब खर्च करना बैंकों के लिए जोखिम भरा सिग्नल होता है।

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नौकरी की अस्थिरता में बढ़ता जोखिम

आज के दौर में नौकरी की गारंटी नहीं है, जिससे आईटी और अन्य सेक्टर्स में हाल के महीनों में हजारों लोग नौकरियां खो चुके हैं। अगर आपकी आमदनी रुक जाए और कार्ड का कर्ज बढ़ जाए, तो स्थिति गंभीर हो सकती है।

आप पर ब्याज, पेनल्टी और बिल का बोझ बढ़ जाएगा नौकरी ना होने पर आपकी फाइनेंशियल हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है। जिससे त्यौहार में शॉपिंग की खुशी, अगले महीने बिल देखकर तनाव में बदल सकती है।

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