भारत सरकार ने अटल पेंशन योजना (APY) में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन बदलावों का सीधा असर उन लोगों पर पड़ेगा जो इस योजना में नया खाता खोलना चाहते हैं। डाक विभाग ने 1 अक्टूबर 2025 से यह नया नियम लागू कर दिया है, जिसके बाद पुराने फॉर्म अब स्वीकार नहीं किए जाएंगे।\
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डाक विभाग द्वारा जारी एक आधिकारिक नोटिफिकेशन में कहा गया है कि अब अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) के लिए केवल संशोधित फॉर्म का ही इस्तेमाल किया जा सकेगा। यह कदम पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) के नए दिशानिर्देशों के तहत उठाया गया है।
नया नियम क्यों लाया गया?
सरकार का कहना है कि इस बदलाव का उद्देश्य पेंशन सेवाओं को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। नए फॉर्म में कुछ महत्वपूर्ण कॉलम जोड़े गए हैं, जिनमें आवेदकों से उनकी विदेशी नागरिकता से संबंधित जानकारी मांगी जाएगी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योजना का लाभ केवल भारतीय नागरिकों को ही मिले।
नए नियम के तहत अब अटल पेंशन योजना के लिए डाकघरों के माध्यम से नए खाते खोले जाएंगे। सभी डाकघरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पुराने फॉर्म स्वीकार न करें और ग्राहकों को इस बदलाव के बारे में सूचित करें। साथ ही, डाकघरों को अपने नोटिस बोर्ड पर इस बदलाव से जुड़ी जानकारी प्रदर्शित करना अनिवार्य कर दिया गया है।
क्या है Atal Pension Yojana?
अटल पेंशन योजना भारत सरकार की एक सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के कामगारों को बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। यह योजना विशेष रूप से उन लोगों के लिए बनाई गई है जिन्हें किसी अन्य पेंशन योजना का लाभ नहीं मिलता।
18 से 40 वर्ष की आयु के बीच का कोई भी भारतीय नागरिक इस योजना में शामिल हो सकता है। 60 वर्ष की उम्र पूरी होने पर योजना से जुड़े व्यक्ति को हर महीने 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक की पेंशन मिलती है। यह राशि व्यक्ति द्वारा किए गए निवेश और योजना की अवधि पर निर्भर करती है।
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डाक विभाग की नई जिम्मेदारी
डाक विभाग को देशभर में अटल पेंशन योजना से संबंधित सभी आवेदनों को संभालने की जिम्मेदारी दी गई है। अब नए फॉर्म के माध्यम से ही आवेदन स्वीकार किए जाएंगे और किसी भी पुराने फॉर्म को मान्यता नहीं दी जाएगी। इस कदम से न केवल प्रक्रिया पारदर्शी होगी बल्कि नागरिकों की पहचान और पात्रता को भी बेहतर तरीके से सत्यापित किया जा सकेगा।