PM Vishwakarma Scheme. देश में लाखों पारंपरिक कारीगर और श्रमिक आज भी अपनी मेहनत से देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं, जिससे चाहे वो बढ़ई हों, लोहार, कुम्हार, दर्जी या सुनार। इन्हीं लोगों को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) शुरू की है। पहले के समय में ऐसे लोगों की मदद के लिए कोई योजना नहीं थी, जिससे PM Vishwakarma Yojana का लाभ उठाया जा सकता है।
आप को बता ऐसे कई लोग होते हैं ,जो छोटे-छोटे काम करते हैं। जो अपने काम को बढ़ाना चाहते है, तो सरकार पारंपरिक कामगारों को रोज़गार, प्रशिक्षण और आर्थिक सहयोग देकर आत्मनिर्भर बना रही है।
क्या है प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत सरकार ने उन लोगों के लिए की है जो पीढ़ियों से अपने पारंपरिक व्यवसायों में लगे हैं। पहले इन लोगों को बैंक लोन या सरकारी मदद मिलना मुश्किल था, लेकिन अब इस योजना के तहत उन्हें सरकार की सीधी सहायता और पहचान दोनों मिलती है।इस योजना के तहत लाभार्थियों को एक “विश्वकर्मा पहचान पत्र” और प्रमाणपत्र दिया जाता है, जिससे वे सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से उठा सकें।
हर दिन ₹500 की आर्थिक सहायता
योजना में लाभार्थियों को 15 दिन की ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें उन्हें नई तकनीक और बिजनेस स्किल्स सिखाई जाती हैं। ट्रेनिंग के दौरान सरकार की ओर से रोजाना ₹500 तक की प्रोत्साहन राशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जाती है। यह राशि इसीलिए दी जाती है ताकि प्रशिक्षण के दौरान वे अपने रोज़मर्रा के खर्च पूरे कर सकें और बिना आर्थिक परेशानी के नई तकनीक सीख सकें।
लोन की सुविधा
ट्रेनिंग के बाद सरकार कारीगरों को ₹1 लाख रुपये तक का लोन बेहद कम ब्याज दर पर देती है, ताकि वे अपने काम के लिए उपकरण खरीद सकें या व्यवसाय बढ़ा सकें। अगर लाभार्थी समय पर लोन चुका देता है, तो उसे दूसरे चरण में ₹2 लाख रुपये तक का लोन भी दिया जा सकता है। इस पहल का मकसद है कि कारीगर न केवल अपने लिए रोजगार बनाएं बल्कि दूसरों को भी रोजगार का अवसर दें।
आधुनिक उपकरण और तकनीक मदद
सरकार चाहती है कि ये पारंपरिक पेशेवर अब पुराने तरीके छोड़कर आधुनिक उपकरणों और तकनीक के साथ काम करें। जिससे योजना में उन्हें टूलकिट, नई मशीनें और मार्केट की समझ दी जाती है ताकि उनका काम आधुनिक जरूरतों के हिसाब से तैयार हो सके।
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किन्हें मिलेगा लाभ?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का लाभ मुख्य रूप से बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार, नाई, धोबी, राजमिस्त्री, मोची, दर्जी जैसे पारंपरिक व्यवसायों में लगे लोगों को मिलेगा। यह योजना खास तौर पर ग्रामीण और छोटे कस्बों में रहने वाले लोगों के लिए है, जो अक्सर औपचारिक बैंकिंग और सरकारी सिस्टम से दूर रह जाते हैं।