Pension Sakhi Yojana. क्या आप को लोगों को परामर्श देना अच्छा लगता है, जिससे लोगों निवेश के ओर प्रोत्साहित करना चाहते है, तो कमाई का मौका मिल रहा है। सरकार अब महिलाओं के लिए एक नया रोजगार और सशक्तिकरण का मौका देने जा रही है। ‘पेंशन सखी योजना (Pension Sakhi Yojana)’ के तहत महिलाएं अब नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से जुड़कर न केवल दूसरों को रिटायरमेंट के लिए प्रेरित करेंगी, बल्कि खुद भी अच्छी इनकम कमा सकेंगी।
दरअसल आप को बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में NPS दिवस पर कहा कि देश के हर नागरिक के पास रिटायरमेंट प्लान होना चाहिए, और इसके लिए NPS को जन आंदोलन बनाना जरूरी है। इस सरकार के खास योजना का लाभ उठा कर कमाई कर सकती हैं।
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पेंशन सखी योजना
‘पेंशन सखी योजना’ का मॉडल LIC की बीमा सखी योजना की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है। बीमा सखी प्रोग्राम में देशभर की लाखों महिलाएं बतौर बीमा एजेंट (Women Career Agent) काम कर रही हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त 2025 तक 2,20,000 से ज्यादा महिलाएं बीमा सखी के रूप में सक्रिय हैं। इन महिलाओं को हर महीने ₹7,000 तक का स्टाइपेंड और हर बेची गई पॉलिसी पर कमीशन मिलता है।
बीमा सखियों ने न सिर्फ अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत की है, बल्कि ग्रामीण इलाकों में वित्तीय साक्षरता और बीमा जागरूकता भी फैलाई है। इसी सफलता को देखते हुए अब सरकार NPS के लिए भी महिलाओं को इसी तरह का प्लेटफॉर्म देने की तैयारी में है।
क्या होगा ‘पेंशन सखी’ का काम?
NPS Pension Sakhi योजना के तहत महिलाओं को NPS (National Pension System) की जानकारी लोगों तक पहुंचाने, नए निवेशकों को रजिस्टर कराने, और उन्हें रिटायरमेंट सेविंग्स के फायदे समझाने का जिम्मा दिया जाएगा। यह महिलाएं ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में NPS की ब्रांड एंबेसडर के रूप में काम करेंगी। योजना के तहत चयनित महिलाओं को ट्रेनिंग और प्रदर्शन के आधार पर इंसेंटिव या कमीशन दिया जाएगा।
कौन बन सकती है पेंशन सखी?
- सरकार के प्रारंभिक प्रस्ताव के मुताबिक, पेंशन सखी बनने के लिए निम्न शर्तें लागू होंगी:
- महिला की आयु 18 से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास (मैट्रिकुलेट) हो।
- ट्रेनिंग के बाद उन्हें NPS से संबंधित काम की जिम्मेदारी दी जाएगी।
- पेंशन सखी बनने वाली महिलाओं को सरकारी सहायता और इंसेंटिव के साथ काम करने का मौका मिलेगा, जैसे बीमा सखी योजना में महिलाओं को मिलता है।
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वित्त मंत्री सीतारमण का कहना है कि पेंशन केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि हर नागरिक के बुढ़ापे की सुरक्षा की गारंटी है। अगर यह योजना शुरू होती है, तो इससे लाखों महिलाओं को आर्थिक आजादी और स्थिर इनकम का रास्ता मिलेगा।