प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) योजना आज देशभर के करोड़ों किसानों के लिए आर्थिक सहारा बन चुकी है। इस योजना के तहत किसानों को हर साल 6000 रुपये की सहायता तीन किस्तों में दी जाती है। सरकार की मंशा छोटे और सीमांत किसानों की आय बढ़ाने की है ताकि वे कृषि कार्यों के लिए आर्थिक रूप से सक्षम बन सकें।
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अब तक किन्हें मिली 21वीं किस्त?
हाल ही में सरकार ने उन राज्यों के किसानों को प्राथमिकता दी, जो प्राकृतिक आपदाओं से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इनमें हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य शामिल हैं। इन राज्यों के कई इलाकों में आई बाढ़ ने किसानों की फसल और संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया था। ऐसे में सरकार ने राहत के तौर पर पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त का अग्रिम वितरण किया है।
जानकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के 8.5 लाख से अधिक किसानों को ₹170 करोड़ की राशि जारी की गई है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस मदद का उद्देश्य प्रभावित किसानों को तत्काल राहत देना है ताकि वे अपनी खेती को फिर से पटरी पर ला सकें।
बाकी राज्यों में कब आएगी किस्त?
अब सवाल यह उठता है कि बाकी राज्यों के किसानों को किस्त कब मिलेगी। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक केंद्र सरकार दिवाली से पहले शेष राज्यों के किसानों के खातों में 21वीं किस्त जारी कर सकती है। यानी अक्टूबर के मध्य से लेकर नवंबर की शुरुआत तक किसानों को 2000 रुपये की राशि मिलने की पूरी संभावना है।
ई-केवाईसी न कराने वालों के अटक सकते हैं पैसे
योजना का लाभ उठाने के लिए ई-केवाईसी कराना अनिवार्य है। जिन किसानों ने अब तक ई-केवाईसी पूरी नहीं की है, उनके पैसे अटक सकते हैं। किसान यह प्रक्रिया अपने नजदीकी बैंक या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पूरी कर सकते हैं।
इसके अलावा बैंक खाता आधार से लिंक होना भी जरूरी है। अगर आधार लिंक नहीं है या गलत दस्तावेज जमा किए गए हैं तो भुगतान रोका जा सकता है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे जल्द से जल्द अपने दस्तावेजों की जांच कर लें ताकि अगली किस्त में किसी तरह की दिक्कत न आए।
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PM Kisan Yojana की शुरुआत कब हुई थी?
पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत साल 2019 में की गई थी। पहली बार इस योजना का लाभ बिहार के भागलपुर जिले के किसानों को दिया गया था। उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9.08 करोड़ किसानों के खातों में 22,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि ट्रांसफर की थी। तब से लेकर अब तक यह योजना देश के लगभग हर कोने में पहुंच चुकी है।