नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट के दो सबसे बड़े नाम, रोहित शर्मा और विराट कोहली, एक बार फिर सुर्खियों में हैं इस बार किसी रिकॉर्ड या सेंचुरी के लिए नहीं, बल्कि बीसीसीआई के नए निर्देश के चलते। रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रीय सलेक्टर्स ने दिल्ली (डीडीसीए) और मुंबई (एमसीए) क्रिकेट संघों को फोन कर कहा है कि दोनों सीनियर खिलाड़ियों को विजय हजारे ट्रॉफी के लिए तैयार रखें। इसका मतलब साफ है अगर रोहित और विराट को वनडे करियर लंबा करना है, तो अब उन्हें घरेलू क्रिकेट खेलना ही होगा।
मिली जानकारी के अनुसार, टी-20 और टेस्ट से संन्यास लेने के बाद दोनों खिलाड़ी अब वनडे क्रिकेट पर फोकस कर रहे हैं। लेकिन बीसीसीआई के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि चयन समिति चाहती है कि हर केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ी, अगर फिट और उपलब्ध है, तो उसे घरेलू टूर्नामेंट खेलना जरूरी होगा। यह फैसला इसलिए भी अहम है क्योंकि जनवरी में न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज से पहले दोनों को अपनी फॉर्म और फिटनेस परखने का मौका मिलेगा।
सूत्रों के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज (6 दिसंबर) के बाद और न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले वनडे (11 जनवरी, वडोदरा) के बीच करीब पांच हफ्ते का ब्रेक रहेगा। इसी दौरान विजय हजारे ट्रॉफी का आयोजन होगा। संभावना है कि रोहित मुंबई की ओर से और कोहली दिल्ली की ओर से कम से कम तीन से चार मैच खेलेंगे। यह कदम न सिर्फ उनकी लय वापस लाने में मदद करेगा, बल्कि 2027 विश्व कप की तैयारी में भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर पहले ही यह साफ कर चुके हैं कि खिलाड़ियों के लिए घरेलू क्रिकेट अब वैकल्पिक नहीं, बल्कि अनिवार्य होगा। इस फैसले से जहां सीनियर खिलाड़ियों की फॉर्म जांचने में आसानी होगी, वहीं युवा खिलाड़ियों को भी बड़े नामों के साथ खेलने का अनुभव मिलेगा। इस बीच, रविचंद्रन अश्विन ने भी अपने यूट्यूब चैनल पर इसका समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि अगर रोहित और विराट विजय हजारे में उतरते हैं, तो यह उनकी फॉर्म और तैयारी का सही पैमाना होगा।
भारतीय क्रिकेट इस समय एक ट्रांजिशन फेज से गुजर रहा है, जहां युवा प्रतिभाएं तेजी से उभर रही हैं। ऐसे में टीम मैनेजमेंट चाहता है कि रोहित-विराट जैसे दिग्गज वनडे में अपनी लय बनाए रखें, ताकि भारत 2027 विश्व कप में अनुभव और युवा जोश का सही संतुलन लेकर उतरे।