Industrial Shift Timings: गुजरात विधानसभा ने बुधवार (10 सितंबर) को एक अहम फैसला लिया। अब राज्य में फैक्ट्रियों की शिफ्ट टाइमिंग 9 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दी गई है। यह फैसला बीजेपी विधायकों के समर्थन से लिया गया, जबकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इसका विरोध किया। यह बदलाव कारखाना विधेयक 2025’ के तहत किया गया है। नए कानून के तहत, महिलाएं अब शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक की नाइट शिफ्ट में भी काम कर सकेंगी, बशर्ते कि उनके लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतज़ाम हों।
यह विधेयक उस अध्यादेश की जगह लेगा, जिसे जुलाई में लागू किया गया था। उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने इसे विधानसभा में पेश करते हुए कहा कि इसका मकसद औद्योगिक विकास और निवेश बढ़ाना है ताकि नई नौकरियां पैदा हो सकें।
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चार दिन 12 घंटे काम, तीन दिन छुट्टी
बता दें मजदूरों की चिंता को ध्यान में रखते हुए मंत्री ने साफ किया कि साप्ताहिक कार्य घंटे 48 से अधिक नहीं होंगे। इसका अर्थ है कि अगर कोई कर्मचारी चार दिन 12 घंटे काम कर लेता है, तो बाकी तीन दिन उसे सवेतन छुट्टी मिलेगी।
विपक्ष ने किया विरोध
कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने इस संशोधन का विरोध करते हुए कहा कि यह मजदूरों के शोषण को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा, “वैसे भी कई मजदूर पहले से ही 11-12 घंटे काम कर रहे हैं, क्योंकि 9 घंटे के नियम का पालन नहीं होता। अब इसे कानून बना देने से लोग 13-14 घंटे तक काम करने को मजबूर होंगे।” वहीं मेवाणी का कहना है कि लंबे काम के घंटे मजदूरों की सेहत पर बुरा असर डालेंगे, क्योंकि उन्हें ठीक से नींद भी नहीं मिल पाएगी।
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इस बिल का AAP विधायक गोपाल इटालिया ने भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह कानून मजदूरों की बजाय फैक्ट्री मालिकों के हित में है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर मजदूर 12 घंटे काम करने से मना करें, तो क्या उनकी नौकरी की सुरक्षा की कोई गारंटी है? उन्होंने कहा कि बिना सुरक्षा प्रावधानों के सहमति का कोई मतलब नहीं।