दिल्ली के सरकारी स्कूलों में गैर-योजना प्रवेश प्रक्रिया को लेकर शिक्षा निदेशालय ने नया आदेश जारी किया है। इसमें साफ किया गया है कि किसी भी छात्र को केवल इस कारण से प्रवेश से वंचित नहीं किया जा सकता कि उसके पास आधार कार्ड या बैंक खाता नहीं है। निदेशालय का कहना है कि यह समस्या बार-बार सामने आ रही थी और कई अभिभावकों ने शिकायत की थी कि दस्तावेज़ों की कमी के कारण बच्चों को दाखिला नहीं मिल रहा।
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स्कूल प्रमुख नहीं कर सकेंगे इनकार
नए नियमों के अनुसार, स्कूल प्रमुखों को यह सुनिश्चित करना होगा कि आधार या बैंक खाता न होने की स्थिति में भी छात्र को प्रवेश दिया जाए। साथ ही, जब छात्र स्थानांतरण के लिए आवेदन करे तो विषय संयोजन की उपलब्धता को जांचना अनिवार्य होगा। इसका उद्देश्य यह है कि छात्र को किसी भी स्तर पर पढ़ाई से वंचित न होना पड़े।
दाखिले की प्रक्रिया 15 सितंबर तक
शिक्षा निदेशालय ने जानकारी दी है कि गैर-योजना प्रवेश की प्रक्रिया कक्षा 9वीं से 12वीं तक 31 अगस्त को पूरी हो चुकी है। इसके बाद भी कई छात्रों का दाखिला अधर में लटक गया क्योंकि वे समय पर दस्तावेज़ जमा नहीं कर पाए। अब जिन छात्रों को स्कूल आवंटित किए गए हैं, उनकी प्रवेश प्रक्रिया 15 सितंबर तक पूरी की जाएगी।
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कब रोका जाएगा प्रवेश
शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि केवल उन्हीं छात्रों का दाखिला रोका जाएगा जिनके पंजीकरण फॉर्म या दस्तावेज़ों में कोई गंभीर विसंगति मिलेगी। इसका मतलब है कि छोटे-मोटे दस्तावेजों की कमी, जैसे आधार कार्ड या बैंक खाता न होना, प्रवेश में बाधा नहीं बनेगा।